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बघेलखंड का फाग गाना / टेरत है राधे राधे सावरिया / Fag geet / lokgeet / folksong - The Totaltop show

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تم نشره في 2020/07/21

नमस्कार, आप सब का हमारे चैनल पर स्वागत है, इस चैनल पर हम आपको गाँव के जनजीवन को दिखाने का पूर्णत प्रयास करेगें i am a theatre artist and work at actor indravati Natya samit sidhi (m.p.) हमारे चैनल के द्वारा कई सीरीज चलायी जा रही है इसके द्वारा जो चीजें विलुप्त होती जा रही है उनका संरक्षण होगा, वीडियो देखने के लिए नीचे👇 लिंक क्लिक करें चैनल का लिंक - /channel/UCTvwyxce0eSt4KrDpgd6n5Q 👉 हमारी वीडियो - 1- जोगी स्पेशल वीडियो वीडियो लिंक - /playlist/PLtFHe2TG8bOn8LqpmhTSXFjlCBUC9vNHz 2 - होली फाग गीत स्पेशल वीडियो लिंक - /playlist/PLtFHe2TG8bOmcJy7sMWAiBtBB9nK50oUP 3 - गाँव की संस्कृति वीडियो लिंक - /playlist/PLtFHe2TG8bOmODdeecrCS4ss5cv_NYOfk 4- लोकगीत स्पेशल - वीडियो लिंक - /playlist/PLtFHe2TG8bOnxKDFVO5gcoZ-QLqkaSBSJ 5- गारी गीत स्पेशल वीडियो लिंक - /playlist/PLtFHe2TG8bOnqNdLAGuoqy4W2M5MuoLtS 6 - नवरात्रि स्पेशल भगत गीत वीडियो लिंक - /playlist/PLtFHe2TG8bOkQA-I2yn1H9KQiHhBUiO82 7- भजन गीत स्पेशल वीडियो लिंक - /playlist/PLtFHe2TG8bOmNFqE6ZTxhdhRdlUqs31YR 8- कजरी गीत स्पेशल वीडियो लिंक - /playlist/PLtFHe2TG8bOnhhSPzixaJ4ThFWVUP7VIO 9 - माही लोकगीत स्पेशल वीडियो लिंक - /playlist/PLtFHe2TG8bOkqo1jSRQ6fxGkqpIPQ9Qy0 10- गाँव का लोकनृत्य वीडियो लिंक - /playlist/PLtFHe2TG8bOnkBu_7l6eh_XOshRjrwC1g 👉 Produced BY - The Totaltop 👉 Special Thanks - इंद्रवती नाट्य समिति, सीधी, मध्यप्रदेश 👉 हमसे अन्य जगहों में जुड़े 👇 Follow on social media sites + Facebook - https://www.facebook.com/rupesh.mishrasidhi.9 Instagram - https://www.instagram.com/zaara_2.0/ Twitter - https://mobile.twitter.com/artist_rupesh Blogs - https://indianfolkart13.blogspot.com/ Mail us at - Rupeshmishraroy13@gmail.com 👉 The Totaltop show special 👇 *फगुआ जोहार -* फाग होली के अवसर पर गाया जाने वाला एक लोकगीत है। यह मूल रूप से बघेली एवं अवधी का लोक गीत है पर समीपवर्ती प्रदेशों में भी इसको गाया जाता है। सामान्य रूप से फाग में होली खेलने, प्रकृति की सुंदरता और राधाकृष्ण के प्रेम का वर्णन होता है। इन्हें शास्त्रीय संगीत तथा उपशास्त्रीय संगीत के रूप में भी गाया जाता है। फाग के बोल सुनकर बच्चे, जवान व बूढ़ों के साथ महिलाएं भी झूम उठती हैं। फाग-सी मस्ती का नजारा कहीं और देखने को नहीं मिलता है। सुबह हो या शाम गांव की चौपालों में सजने वाली फाग की महफिलों में ढोलक की थाप और मंजीरे की झंकार के साथ उड़ते हुए अबीर-गुलाल के साथ मदमस्त किसानों बघेलखंडी होली गीत (फाग) गाने का अंदाज-ए-बयां इतना अनोखा और जोशीला होता है कि श्रोता मस्ती में चूर होकर थिरकने, नाचने पर मजबूर हो जाते हैं। बघेलखंड के अलावा मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड आदि या यूं कहें कि हिंदी बेल्ट के तमाम राज्यो में भी फागुन के महीनों में ऋतुराज बसंत के आते ही जब टेसू के पेड़ लाल सुर्ख फूलों से लद जाते हैं, तब वातावरण में मादकता छा जाती है और पूरा महौल रोमांच से भर जाता है तो शुरू हो जाती है फाग की महफिलें। बघेलखंड क्षेत्र में फाग गीत गायन की भिन्न भिन्न शैलियां हैं मूलतः इन अलग अलग शैलियों का विभाजन ताल के आधार पर है-: 1. डग्गा तिंतला -: यह गायन शैली तीन तालों में निबद्ध होती है इस कारण इसे डग्गा तिंतला कहा जाता है जो कि कुछ इसप्रकार है- घोड़ा सजा है हो बगइचा मा घोड़ा चला देखि अई लछिमन राम बगइचा मा घोड़ा... केखर आहीं काली हथिनिया केखर कबरा घोड़ भला हो आगे आगे काली हथिनिया पाछे कबरा घोड़ बगइचा मा.. राम के आहीं काली हथिनिया लछिमन के कबरा घोड़ भला हो बगइचा मा घोड़ा.... 2. उचटा/दहका -: बघेली में उचटा का शाब्दिक अर्थ झटके से फेंकना होता है । इस फाग को उचटा कहने के पीछे इसके ताल एवं गायकी के त्वरित उठान के आधार पर कहा जाता है जिसका गीत निम्नवत है - अंबा लगाय दे बालम सड़किया मा अंबा लगाय दे बालम.. ता परदेसी का छाया होई बलम मोर अंबा लगाय दे.. 3. बैसवारा -: यह फाग गीत गायन परंपरा बैसवारी जातीय गायकी का एक स्वरूप है - ऊंचे अटा पर चढ़ि के हो गोरिया मारेन दुनाली भरि गय मारेन दुनाली भरि गय 4. बुंदेली/लेजम -: इस फाग की गायकी को बघेली में बुंदेली ताल से प्रभावित माना जाता है लेकिन मैंने रिसर्च में पाया कि इस तरह की ताल वाले फाग बुंदेली में नही गाये जाते हैं यह दो क्षेत्रों की साझा गायकी का एक नवीनतम स्वरूप है- राम प्राण से प्यारे न अरे राम प्राण से प्यारे रे केकई काहे दीन्हे राम वनबास रे केकई राम प्राण से... अरे वन वन फिरत कुमार रे केकई दसरथ राज दुलारे न 5. चौताला -: यह फाग गीत चार तालों में निबद्ध होता है इस कारण इसे चौताला कहा जाता है। सिर बांधे मुकुट खेलयं होरी पहली होरी अयोध्या खेलय राम सिया के बरजोरी सिर बांधे मुकुट खेलय होरी दुसरी होरी वृन्दावन खेलय राधा कृष्ण के हय जोरी सिर बांधे मुकुट खेलय होरी तिसरी होरी गंगा बिच खेलय गंगा जमुना कय जोरी सिर बांधे मुकुट खेलय होरी चौथी होरी मसाने म खेलय भांग भभूत के हय जोरी सिर बांधे मुकुट खेलय होरी.. 6. बारहमासी -: फाग की इस गायन परंपरा में साल के बारह महीनों का वर्णन मिलता है। जिसमे मूलतः श्रृंगार, वियोग, भक्ति एवं वीरता प्रधान विषय वस्तुओं के गीत होते हैं। *artist Rupesh mishra🙏*

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